फास्टिंग के साथ करें हेल्थी लाइफ की फास्ट शुरुआत


फास्टिंग के साथ करें हेल्थी लाइफ की फास्ट शुरुआत

 

अगर आप दुनिया में लोगो की बीमारी की एक सूचि बनाएँगे तो आप पाएंगे की हृदय रोग , फेफड़ों की समस्यायें जैसी कितनी ही समस्यायें हमारे जीवन को खतरे में डालती हैं | और ये सब कारण कहीं न कहीं हमारे भोजन और उसके पाचन से जुड़े हुए हैं | पर हमें तो हमेशा से सिखाया गया है की दिन में दो वक़्त खाना , दो बार नाश्ता करो तभी शरीर को ताकत मिलेगी , जब भोजन इतना आवश्यक है पर साथ ही हमारे धर्म में व्रत , उपवास का इतना महत्व क्यों बताया गया है ! क्यूंकि सबसे ज़रूरी है संतुलन, हमारे देश में दो मौसमो के बीच में उपवास रख कर शरीर को नए मौसम के लिए तैयार किया जाता है | जैसे फाल्गुन के बाद चैत्र के नए मौसम में जब गर्मी धीरे धीरे बढ़ती चली जाती है, तो चैत्र नवरात्र में उपवास रख कर आप शरीर को डिटॉक्स कर सकते हैं |  इस साल चैत्र नवरात्र के साथ रमज़ान का महीना भी शुरू हो रहा है ,रमजान में रोज़ा रखा जाता है ,चैत्र  मास में ही

रोहिणी व्रत , चैत्र नवपद ओली जैसे जैन पर्व भी आते हैं, आइये आज  न्यूट्रिशिल्प की फाउंडर, प्रसिद्ध डाइटीशियन और न्यूट्रीशिनिस्ट शिल्पी गोयल जी के साथ समझते हैं की  हर धर्म में उपवास को इतना महत्व क्यों  दिया गया है ?

“व्रत रखने से मेटाबॉलिक रेट में 14 फीसदी तक की बढोत्तरी होती है. इससे कैलरी बर्न होने में कम समय लगता है. व्रत रखने से पाचन क्रिया को आराम मिलता है। अगर हम एक दिन कुछ नहीं खाते हैं तो हमारा पाचन तन्त्र ठीक रहता है। इससे शरीर के हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं।“

शिल्पी गोयल बताती हैं की क्या होगा अगर आप अपनी कार को बिना आराम दिए उसे दिन रात चलाएंगे तो , कार का इंजन काफी गरम हो जाएगा कुछ ऐसा ही हो जाता है हमारे शरीर के पावर सेण्टर , हमारे गट के साथ , जिसका काम है शरीर में भोजन को ग्रहण करना , उसे प्रोसेस यानी डाइजेस्ट और फिर वेस्ट फ़ूड को शरीर से बाहर कर देना | इसिलए साइंस भी इस फैक्ट को मानाता है की पाचन क्रिया को आराम देना चाहिए , फास्टिंग का पॉज़िटिव असर सिर्फ पेट पर ही नहीं पूरे सिस्टम पर होता है ,

आइये फास्टिंग के फायदों को एक एक कर समझते हैं –

  1. शरीर डिटॉक्सीफाई होता है

उपवास के फायदे में शरीर को साफ करना शामिल है। यदि ऐसा उपवास रखा जाए, जिसमें खाद्य पदार्थों के सेवन के बजाय तरल पदार्थ शामिल हों, तो शरीर सही प्रकार से डिटॉक्सीफाई हो सकता है। इससे पाचन बेहतर होने के साथ ही पेट संबंधी परेशानियां और स्किन संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं।

2.पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

उपवास पाचन(डाइजेशन ) तंत्र के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। उपवास करने से शरीर के खुद का हीलिंग तंत्र सही से कार्य करता है, जिससे शरीर कई प्रकार की परेशानियों से खुद-ब-खुद लड़ना शुरू कर देता है। रिसर्च के अनुसार, 62.33% लोगों को उपवास के दौरान अपच (इनडाइजेशन ) की परेशानी नहीं हुई, 27% लोगों की अपच की परेशानी ठीक हो गई। साथ ही व्रत को “मैजिकल ट्रीटमेंट” भी कहा जाता है, जिससे पाचन संबंधी विकार दूर हो सकते हैं।

 

  1. स्किन के लिए भी है फायदेमंद

सिर्फ क्रीम और कॉस्मेटिक का ही नहीं, बल्कि खान-पान का प्रभाव भी स्किन पर होने लगता है। ज्यादा तेल-मसाले या बाहरी खाने से स्किन रूखी और बेजान दिखने लगती है और कील-मुंहासे भी हो सकते हैं। ऐसे में व्रत लाभकारी हो सकता है। उपवास रखने से शरीर डिटॉक्सीफाई हो सकता है। जब शरीर डिटॉक्सीफाई होगा, तो शरीर में मौजूद विषाक्त तत्व बाहर निकलेंगे, जिससे स्किन में नई चमक आएगी और त्वचा खूबसूरत और चमकदार दिखने लगेगी।

  1. कैंसर के इलाज में मदद मिलती है

कैंसर सेल्स अन्य सेल्स के तुलना में 28 प्रतिशत तक ज़्यादा आहार लेते हैं,ऐसे में व्रत रखना सुपर एक्टिव कैंसर सेल्स  कमज़ोर करने में मदद कर सकते हैं | कीमोथेरेपी जैसे ट्रीटमेंट के साथ इंटरमिटेंट फास्टिंग कैंसर के लड़ने में  सहायक हो सकते हैं |

 

5.मानसिक और भावनात्मक लाभ

व्रत का प्रभाव सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी होता है। इससे एकाग्रता में सुधार हो सकता है। साथ ही ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल सकती है। यहीं नहीं, चिंता-तनाव और अनिद्रा जैसी परेशानी दूर करने के लिए भी उपवास को जाना जाता है। उपवास करने से व्यक्ति को भावनात्मक रूप से शांत रहने और खुशी का एहसास करने में सहायता मिल सकती है।

  1. एडिक्शन छोड़ने में हेल्प –

व्रत और रोज़ों के दौरान सिगरेट, गुटखा और शराब जैसे नशीले  पदार्थो का सेवन नहीं करते हैं ,और एडिक्शन की हैबिट ब्रेक करने में  साइकोलॉजिकल मोटिवेशन की तरह काम तरह है | । यह वक्त हमेशा के लिए नशा छोड़ने की नींव तैयार करता है।

अगर आप किसी तरह की क्रोनिक कंडीशन से गुज़र रहे हैं तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें , हर दिन अपना ब्लड प्रेशर मॉनिटर करते रहें और साथ ही

उपवास करते समय इन बातों के रखें ध्यान

एसिडिटी या गैस की समस्या हो तो खाली पेट चाय या कॉफी पीने से बचें

पहली बार व्रत रखने वाले छोटे या एक दिन से शुरुआत करें

उपवास से पहले सही और पौष्टिक भोजन करें

एक बार से ज़्यादा खाने से बचें

( In the box )

डिजिटल व्रत भी रखें

आहार सिर्फ वो नहीं जो हम भोजन की तरह लेते हैं,बल्कि हम जो देखते हैं वो हमारा विसुअल आहार है , जो सुनते हैं उसे ऑडियो आहार कह सकते हैं क्यूंकि ये हमारी मेन्टल हेल्थ पर असर डालते हैं और डिजिटल एरा में हमारा ज़्यादातर वक़्त मोबाईल स्क्रीन पर ही गुज़र रहा है , जिसका असर आखों पर तो पड़ता है साथ ही मेन्टल हेल्थ पर भी पड़ता है , इसिलए इस साल नवरात्रि या रमजान में आप जब व्रत और रोज़ा रखें  या सामान्य दिनों में भी उपवास रखते समय ये न्यायम बना लें की आप डिजिटल व्रत भी रखेंगे यानि डिजिटल वर्ल्ड से भी ब्रेक लेंगे |

 

व्रत के दौरान फुल ऑन न्यटूट्रिशन डाइट चार्ट के लिए टीम न्यूट्रिशिल्प से कनेक्ट कर सकते हैं

7581921000 पर कॉल करें  या  [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं |