ग्रहण और आहार


ग्रहण में भोजन ग्रहण करें?

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 ग्रहण और सेहत

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ग्रहण और आहार

 

इस साल दीपावली के दूसरे ही दिन 25 October को सूर्य ग्रहण लग रहा है, ये साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा।

दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या पर मनाई जाती है, और आनेवाली पूर्णिमा पर देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है, जो इस बार 7 November को चन्द्र ग्रहण के साए में होगा।

 

क्या होता है ग्रहण?

ग्रहण जिसे अंग्रेज़ी में eclipse कहते हैं , एक तरह के astronomical interruption का नाम है ।अगर तीन लोग एक लाइन में खड़े हो जायेंगे तो क्या होगा। सबसे पीछे वाले को सबसे आगे वाला या तो दिखाई नहीं देगा या कम दिखाई देगा। यही हाल होता है जब सूर्य , चंद्रमा और पृथ्वी एक लाइन में आ जाते हैं। सूर्य हमेशा एक किनारे पर ही रहेगा बस चांद और पृथ्वी आगे पीछे होते रहते हैं। पृथ्वी बीच में आई तो चंद्र ग्रहण और चांद बीच में आया तो सूर्य ग्रहण।

पौराणिक कथाओं में समुद्र मंथन और राहु – केतु से जोड़ कर इस घटना को समझाया गया है, की ग्रहण में सूर्य या चन्द्र राहु के ग्रास बन जाते है और ग्रहण लग जाता है। वैसे जानकारी भी काफि interesting है की भारत वर्ष में जहां एक तरफ ये कथा popular है वही ये वैदिक काल का इतिहास बताता है कि इस astrolgical movement को सबसे  पहले  महर्षि अत्रि मुनि ने mention किया था, ऋग्वेद के अनुसार सबसे पहले अत्रिमुनि के पास astrological movements और structures का पूरा ज्ञान था।ग्रहण का ज्ञान को देने वाले पहले teacher थे।

 

ग्रहण को लेकर मान्यताएं

ग्रहण को लेकर कई मान्यताएं हैं , इस दौरान कई activities निषेध /prohibit कर  जाती हैं, ये सलाह दी जाती है कि

  1. ग्रहण से पहले और बाद में स्न्नान करें।
  2. ग्रहण से कम से कम दो घंटे पहले भोजन करें और ग्रहण के दौरान कुछ न खाएं।
  3. सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद तैयार किया हुआ ताजा भोजन ही खाएं ।
  4. ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से बचना चाहिए ।
  5. खाने के चीजों में कुश या तुलसी के पत्ते डाल कर रखे।
  6. Pregnant महिलाएं सीधे सूरज की रौशनी में न जाएं, घर पर ही रहें

ऐसे कई prohibitions ग्रहण काल मे बातये जाते हैं।

 

आइये समझने की कोशिश करने की ग्रहण काल में सूक्ष्म रूप में क्या घटित होता है । ताकि एक बेहतर scientific understanding के साथ  हम – आप ये निर्णय ले पाएं की ग्रहण काल मे क्या करना है और क्या नही।

आइये पहले समझते हैं कि ग्रहण में होता क्या है –

प्रयोग के तौर पर ऐसा समझिए कि आम तौर पर अंधेरे में रौशनी ले आनेवाली एक torch के glass पर आपने हाथ रख दिया तो उसकी रौशनी में रुकावट आ गई पर रौशनी तो अभी भी है, और उसकी तपिश आप अपने हाथ पर महसूस कर सकते हैं।इसी तरह सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी सूर्य की बिखरी हुई किरणे ,scattered rays नही बल्कि केंद्रित (conentrated) ऊष्मा पाती है इसलिए सूर्य ग्रहण के दौरान, चुंबकीय क्षेत्र और UV rays का level अधिक होता है। चंद्र ग्रहण के दौरान, चांद की एक complete cycle में 28 दिनों में जो होगा, वह ग्रहण के दो से तीन घंटे के दौरान सूक्ष्म तरीके से होता । Energy के point of view से पृथ्वी की ऊर्जा इस ग्रहण को चन्द्रमा का पूर्ण चक्र समझ रही है । ऐसा नही है कि ग्रहण में हानिकारक जिवाणुओं का कोई विस्फोट हो जाता है, या उनकी संख्या बहुत बढ़ जाती है, नही, होता ये है कि उनको support करने वाली energy strong हो जाती है, और पर्यावरण में बदलाव और Ultra violet rays की वजह से यह किसी भी पके हुए भोजन को खराब कर सकते है। और दूसरी तरफ ऊर्जा के स्तर पर मानव शरीर थोड़ा कमज़ोर  हो सकता है, चंद्र ग्रहण के समय कफ की प्रधानता बढ़ती है और will power कम हो सकता है , जबकि सूर्य ग्रहण के समय , आंखों और पित्त की शक्ति कमज़ोर पड़ती है। ग्रहण के समय इंसानों का digestion भी weak हो जाता है,  जिसके कारण इस समय किया गया भोजन पूरी तरह digest न होकर नुकसान पहुँचा सकता है। मोटे तौर पर ये समझिए कि धरती पर जो कुछ भी अपनी प्राकृतिक स्थिति से दूर चला गया है वह ग्रहण काल में बहुत तेजी से बिगड़ता है। यही कारण है कि कच्चे फलों और सब्जियों में कोई बदलाव नहीं होता है, लेकिन ग्रहण से पहले और बाद में पके हुए भोजन में एक अलग बदलाव होता है। UV rays के कारण पका हुआ भोजन आम दिनों के comparison में सूक्ष्म तरीके से अधिक तेजी से खराब हो सकता है। आप सूर्य ग्रहण के दौरान खाद्य पदार्थ में दूर्वा (दर्भा) घास ,तुलसी के पत्ते रख सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये  प्राकृतिक कीटाणुनाशक है। एक बार ग्रहण समाप्त होने के बाद इसे हटाया जा सकता है।

Sunrise के अलावा सूरज को सीधे देखने की सलाह वैसे भी नहीं दी जाती है। हालांकि, ग्रहण के दौरान ऐसा करने से concentrated UV rays हमारे retina पर बुरा असर डालती हैं, तो सूर्य ग्रहण जैसी अद्भुत घटना को देखना miss मत कीजिये साल के इस आखरी ग्रहण का आंनद अवश्य लीजिये पर टीम nutrishilp ये सलाह देती है कि Ellclipse certified sunglasses से ही इसे देखें जो regular sunglasses से  कई गुना dense होते हैं ।

 “मान्यताओ को तर्क से  समझें और जो scientifically convincing लगे ,उन्हें ही जीवन में अपनाइए ।”

शिल्पी गोयल , आहार विशेषज्ञ

प्रेसिडेंट-  आईडीए छत्तीसगढ़ चैप्टर, संस्थापक- न्यूट्रीशील्प और सर्टिफाइड फंक्शनल मेडिसिन प्रैक्टिशनर (आईएफएम यूएसए)