MAGICAL MILLETS


World Dietetics Day

(Magical millets)

 अगर हम अपनी लाइफस्टाइल और फ़ूड हैबिट्स को संयमित और सही रखें तो बिना दवाइयों या कम से कम दवाइयों के साथ भी एक स्वस्थ जीवन सम्भव है।

 

इस 10th January, World Dietetics day के मौके पर Nutrishilp के साथ समझते हैं के बहुत ही magical crop के बारे में, जिसका चलन हमारी भारतीय थाली में अब कम हो गया है, पर इसके गुणों को जानने के बाद ,आप ज़रूर अपने elders की तरह इसे अपनी diet में include करना चाहेंगे।

चलिए famous dietitian, nutritionist और Nurtishilp की founder Shilpi Goel के साथ समझते हैं magical millets के बारे में ; आम तौर पर millets का डोसा, चिला, उपमा, दलिया, पुलाव,रोटी या पराठा बनाया जा सकता है, तो इस blog के साथ Shilpi Goel कि recommend की हुई  tasty और healthy Millet recipes के links भी मिलेंगे।

Millet में दो तरह के अनाज आते हैं। एक मोटा अनाज और दूसरा छोटे दाने वाले अनाज। दोनों poaceae फैमिली के अंतर्गत आते हैं। सामान्य तौर पर मिलेट से लोगों को बाजरा का ध्यान आता है। इसका कारण यह है कि बाजरा मिलेट में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

 

Type of Millets

1)Neutral Grains/Millets: ये मोटा अनाज कहलाता है। इनके सेवन से शरीर में न कोई बीमारी होती है और न ही कोई बीमारी हो तो वह ठीक होती है। यह शरीर को स्वस्थ रखता है। ये अनाज gluten free होते हैं।

जैसे – बाजरा ,ज्वार ,रागी और प्रोसो।

 

2)Positive Grains/Millets: पॉजिटिव ग्रेन्स के अंतर्गत छोटे अनाज आते हैं।

जैसे – कंगनी ,सामा ,सनवा ,कोदो और छोटी कंगनी ।

ये अनाज कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं, diabetes जैसी conditions के reversal में बहुत मदद करते हैं|

Positive Millet fibre से भरपूर होते हैं।

Neutral grains और positive grains को संयुक्त रूप से Millet कहा जाता सकता है।

 

आइये brief तौर पर समझते हैं अलग अलग तरह के millets को

 

Neutral Grains/ Millets –

1.Pearl Millet (बाजरा )

पर्ल या बाजरा प्रोटीन, आयरन ,कैल्शियम ,फाइबर ,थाइमिन और नियासिन का बढ़िया श्रोत है। इसमें कॉपर ,मैग्नीशियम, सेलेनियम ,जिंक ,फोलिक एसिड और एमीनो एसिड भी मौजूद है।

इसके सेवन से शरीर मजबूत बनता है, हड्डियां मजबूत होती है , खून की कमी पूरी होती है ,कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है, कैंसर की सम्भावना कम होती है ,कब्ज की समस्या ठीक होती है। अस्थमा में भी इसके सेवन से राहत मिलता है और इसमें मौजूद फाइबर आपकी डेली कैलेारी की संख्या को बढ़ाए बिना आपको भरा हुआ महसूस कराएगा।

अगर आप रोजाना भी बाजरा खाएं, तो कोई नुकसान नहीं है। बल्कि इसके सेवन से टाइप 2 डायबिटीज के साथ कई तरह के कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

पर जिसको थायराइड की समस्या हो उन्हें प्रतिदिन बाजरा नहीं खानी चाहिए |

 

बाजरा से सम्बंधित रेसिपी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

बाजरा  खिचड़ी : बाजरा  खिचड़ी रेसिपी

 

2 . Sorghum / Indian Millet ( ज्वार )

ज्वार की कई varities की खेती की जाती है। ये छोटे छोटे दाने होते हैं और गेहूँ की तरह खाने के काम में आते हैं।

इसे डायबिटीज में  और वजन कम करने के लिए अच्छा अनाज बताया जाता है। Indian food habbits में इसकी रोटी ज्यादा पसंद की जाती  है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और gluten free और fibre होने के कारण इसके सेवन से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

 

ज्वार से सम्बंधित रेसिपी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

ज्वार चिल्ला : ज्वर चिल्ला

 

 

3 .  Finger Millet  (रागी )

यह राई के दाने की तरह गोल ,गहरे भूरे रंग का ,चिकना दिखता है। रागी कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत है।  यह सुपाच्य होता है और उनके सम्पूर्ण विकास में मदद करता है।इसे 6 से 8 घंटे भिगोने के बाद infants के लिए आहार तैयार किया जाता है।

कई खनिजों और फाइबर से भरपूर रागी डायबिटीज में भी खाने लायक अनाज है। इसकी nutrional values लिवर और पेट को भी  healthy रखती हैं।

 

रागी से सम्बंधित रेसिपी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

रागी डोसा  : रागी डोसा  

 

  1. Proso Millet ( चेना )

चेना भी fibre से भरपूर glutten free millet है। इसमें विटामिन B 6 ,जिंक,आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे मिनरल्स तथा  एमिनो एसिड मौजूद होते हैं। इसके सेवन से खून की कमी नहीं होती ,वजन नियंत्रित रहता है ,डायबिटीज का खतरा कम होता है और mental health और cardiac health ठीक रखने ।के भी सहायता मिलती है।

 

 Positive Millets –

 

इस category में पांच millet आते हैं –

 

Foxtail Millet ( कंगनी )

Little Millet ( सामा , कुटकी )

Kodo Millet ( कोदो ) :

 

Barnyard Millet ( सांवा , सनवा )

Browntop Millet ( छोटी कंगनी ,हरी कंगनी )

 

Foxtail Millet (कंगनी)

Foxtail Millet या कंगनी ancient crops में से एक है। दक्षिण भारत में इसकी खेती की जाती है। इसकी पौष्टिकता और इसे खाने से होने वाले फायदों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। यह पीले रंग का छोटा दाना होता है। इसमें fibre की मात्रा अच्छी होती है। यह protien का भी बहुत अच्छा source है। इसमें amino acid, plant compounds, vitamins और minerals होते हैं।

 

Foxtail से सम्बंधित रेसिपी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

 

Foxtail खिचड़ी : Foxtail खिचड़ी

 

इसे beta keratin का main source माना जाता है। human nervous system के लिए ये एक  superfood है । cardiac disease, Diabetes, abdomen, joints, loss of appetite, Dysuria जैसी कई बीमारियों में कंगनी का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

 

Click the link for foxtail spring onion khichdi.

 

 

Little Millet ( सामा , कुटकी )

 

कुटकी / सामा के सेवन से Diabetes को reverse किया जा सकता है। यह ह्रदय के लिए भी अच्छा अनाज है। migrane  में भी इसके सेवन से आराम मिलता है। यह acidity ,indigestion जैसी समस्या से छुटकारा दिलाता है। hormonal balance बनाये रखने  के लिए अच्छा बताया जाता है। male and females दोनो के ही reproductive system के लिए कुटकी बहुत ही फायदेमंद है।

यह स्वाद में मीठा होता है और सभी सिरिधान्य अपने पोषक तत्व , एमिनो एसिड तथा प्लांट कंपाउंड्स के आधार पर विशेष गुण को धारण करते हैं। यह प्रोटीन ,फाइबर और आयरन का बहुत बढ़िया स्रोत है |

Click the link for Little Millet recipe :

  1. Littile Millet Mix Veg Pulao : Little Millet Mix Veg Pulao
  2. Little Millet Upma : Little Millet Upma
  3. Little Millet Appe : Little Millet Appe

 

Kodo Millet ( कोदो )

कोदो मिलेट को हिंदी में कोदो या केद्रव कहते हैं। यह पांच पॉजिटिव मिलेट में से एक है। कोदो मिलेट भी छोटा अनाज होता है। यह लाल रंग का होता है। औषधीय गुणों से भरपूर कोदो कफ और पित्त दोष को शांत करता है।

 

कोदो मिलेट को ब्लड प्यूरीफायर कहा जाता है। यह डायबिटीज ,हार्ट डिजीज , कैंसर और पेट सम्बन्धी समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। कोदो  को Liver और Kidney के लिए अच्छा अनाज बताया जाता है। Kidney सम्बंधित रोगो में इसका सेवन औषधि की तरह कार्य करता है। इसके सेवन से कई तरह के bacterial growth ख़त्म होते हैं। अपने anti inflammatory properties के साथ gluten free कोदो nervous system को enrich करता है।

 

कोदो  से सम्बंधित रेसिपी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

  1. कोदो मिलेट  इडली  वेग  फ्राई : कोदो  मिलेट  इडली  वेग  फ्राई
  2. कोदो मिलेट पुलाव : कोदो मिलेट पुलाव

 

 

 

Barnyard Millet (सांवा)

 

सांवा या सनवा कम समय में तैयार होने वाली फसल है। 45 से 60 दिन के अंदर यह काटने के लिए तैयार हो जाता है। Protein और Iron की मात्रा Barnyard में अन्य अनाज से ज्यादा है। इसके सेवन से खून की कमी दूर होती है ,शरीर मजबूत बनता है। Diabetes , Heart Disease ,Cancer जैसी conditions  में इसके सेवन से शरीर के अंदरूनी अंगों को ताकत मिलती है। यह बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित है।

 

Click the link for Barnyard recipe

  1. Bhagar Khichdi : Bhagar Khichdi
  2. Falahari Bhagar : Falahari Bhagar
  3. Bhagar Pulav : Bhagar Pulav
  4. Falahari Bhagar : Falahari Bhagar

Browntop Millet ( हरी कंगनी )

इसकी ऊपरी परत ब्राउन रंग की होती है , इसलिए इसे ब्रॉउनटॉप कहा जाता है। इसके गुण कंगनी से मिलते जुलते हैं इसलिए इसे हरी कंगनी और छोटी कंगनी भी कहा जाता है। यह हल्का हरे रंग का होता है। Fibre और पोषक तत्वों से भरपूर ब्रॉउनटॉप ग्लूटेन मुक्त अनाज है। इसमें विटामिन B 17 भी होता है जो इसे कैंसर से रक्षा करने लायक अनाज बनाता है। Diabetes और cardiac disease  से बचाव करने के साथ साथ यह पेट सम्बन्धी सभी समस्याओं को भी ठीक करता है। साथ ही यह हर प्रकार के addiction को ठीक करने में भी मदद करता है।

 

Click the link for Browntop receipe

Palak Browntop Khichdi : Palak Browntop Khichdi

 

Positive Millet को अपनी diet में शामिल करने के साथ ये समझना जरूरी है कि ये wheat, rice जैसे popular crops से अलग हैं इसलिए इनके  प्रयोग में कुछ सावधानी आवश्यक हैं ,जैसे–

 

-इसे पकाने से पहले 6 से 8 घंटे के लिए भिगो दें।

-एक दिन में एक ही तरह का millet खाएं

-इन्हें mix करके नहीं पकाना चाहिए

-पांचो millet को बदल – बदल कर खाये

-इनका आटा तैयार करने से पहले इसे भिगोकर धूप में सुखा लें |

 

तो चलिये millets के साथ अपनी थाली को और nutritous बनाते हैं क्योंकि

 

“A healthy outside starts from the inside”

 

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