Teenage diet
क्या खाएं की न खाए ये कैसी मुश्किल हाय!
‘ये खा लो !’, ‘नही खाऊंगा!’, ‘क्यों नही खाओगे!’, ‘टेस्ट नही इसमें’.
‘अब क्या बना दूं इसके लिए, बड़ा क्या हो रहा , इतना choosy होता जा रहा है!’
ये हर उस घर की कहानी जहां कोई teenager बड़ा हो रहा है, अब वो choosy अपनी मर्ज़ी हो रहा है, या उम्र के इस transitional phase में इतने सारे शारीरक बदलाव हो रहे हैं कि वो खुद भी समझ नही पा रहा है ।
तो ऐसे में teenagers को क्या समझाना है ये जानते हैं famous dietitian , nutritionist और Nurtishilp की founder Shilpi Goel जी से, जो कहती हैं “टीनएजर्स को समझाने से पहले parents को उन्हें समझना होगा ।”
अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने हमें बताया कि सतही तौर पर जैसा शाब्दिक अर्थ है, 13 से लेकर 19 तक अवस्था आम तौर पर टीनएज होती है।
पर इन्ही सालों में शरीर adulthood के लिए तैयार होता है।Adult body का 50% वजन teenage के दौरान बढ़ता है |
पूरे शरीर का विकास बहुत ही तीव्र गति में होता है कई तरह के बदलाव आते हैं, जैसे- आवाज में परिवर्तन, कद में परिवर्तन, शरीर की बनावट में परिवर्तन, pubic hair आना, दाढ़ी मूछ निकलना taste glands ज़्यादा active होते है, hormonal changes के चलते mood swings होना।
अब इतना कुछ शरीर के अंदर घटित हो रहा है तो जाहिर है कि energy consumption बढ़ेगा। तो जब गाड़ी को ज़्यादा power चाहिए तो ये बहुत ज़रूरी हो जाता है कि आप उसमें fuel किस quality का डाल रहे हैं। शरीर का fuel है उसका आहार।
तो आइए, समझते हैं कि टीनएज में आहार कैसा होना चाहिए।
1.Water – वैसे तो ये बात हर उम्र पर लागू होती है पर टीनएज में water consumption को ignore नही ही करना चाहिए।कील,मुहासे इस दौर की आम समस्याएं है, जिनसे निबटने में , बॉडी से toxins को बाहर निकालने में पानी बहुत important role play करता है।
2.Complete थाली – अक्सर parents confuse रहते हैं कि बच्चों को क्या खिलाएं और क्या नही। हर घर का वही सवाल की आज खाने में क्या बनेगा?Variety ज़रूरी है पर अगर आज आने कढ़ाही पनीर बनाई और कल शाही पनीर, तो स्वाद भले ही अलग हो पर पौष्टिकता के पैमाने पर बड़ा फर्क नही आया।
इसिलए हर रोज़ कोशिश हो कि एक सम्पूर्ण आहार बच्चों को मिले।अब सम्पूर्ण आहार किसे कहते हैं, जब आहार में ये 5 तत्व शामिल हों तो वो सम्पूर्ण आहार होता है,
- Grains (अनाज): तरह तरह के अनाज खाने से भिन्न पोषक तत्व बढ़ती उम्र में बच्चे को सही पोषण देते हैं।
- Dairy and Dairy Products : Lactose toletance को ध्यान रखते हुए डेयरी products को रोजाना की diet में ज़रूर शामिल करना चाहिए। अगर दूध या उससे बने पदार्थ पचाने में कोई समस्या हो तो doctor या dietian से सलाह ले।
- Fruits and Vegetables: फल एवं सब्जियां vitamins, minerals, fiber और अधिकतर फलो से vitamin C की आपूर्ति होती है।
- Protein Sources: Meat, fish, eggs, lentils, curd, tofu, soy products, और nuts ये प्रोटीन के प्रमुख source हैं, जिनसे बढ़ती उम्र के बेहद ज़रूरी amino acids मिलता है। ल
- Healthy Fats: Fatty acids भी शरीर के किये उतने ही ज़रूरी हैं जितना प्रोटीन, इन्हें ignore नही करना चाहिए। avocados, nuts, seeds, इन सब को teenager की diet में शामिल करें।
अब ये तो समझ गए कि teenagers के आहार में क्या क्या शमिल हो,पर एक बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है कि नखरों का क्या करें, कितनी भी मेहनत से खाना बनाओ, बच्चों को तो वही restaurant वाली dishes की खानी है।
इस समस्या के समाधान से पहले शिल्पी जी कहती हैं कि सबसे पहले तो parents को अपना teenage याद करना चाहिए, आपके शरीर ने भी ऐसे ही behave किया था। आपके विकल्प भले ठेले वाली चाट तक ही सिमित रहे हों,अब के बच्चों के सामने विकल्प ज़्यादा हैं।
तो इन विकल्पों के बीच घर के किचन में आपको भी एक संकल्प लन होगा कि ‘मैं हर डिश को innovative तरीके से present करूँगी, हर रोज़ बनने वाली रोटी से रोटी वाला पिज़्ज़ा बना दूंगी, बर्गर की जगह एक पोषण से भरा हेल्थी बर्गर ऐसे बहुत से विकल्प हो सकते हैं बस उन्हें appealing तरह से प्रस्तुत करें क्योंकि इस उम्र में बच्चे reason से presentation से impress होते हैं।
साथ ही हमे ये बात भी समझनी होगी इतने hormonal changes के बीच पढ़ाई, exams, competition ,screen time exposure के बीच बच्चा अपनी दिनचर्या से भी समझौता करता है।
Circadian rhytm गड़बड़ होती है, और देर रात तक जागने के लिए coffee, चाय की चुस्कियां लगने लगती हैं, जिन्हें इस उम्र avoid करना चाहिए। बहुत ज़्यादा तला – भूना, spicy food भी gut health के लिए recommended नही होता है। और अच्छे स्वास्थ्य के लिए teenagers को Physical activities को कभी ignore नही करना चाहिए।
और एक महवत्पूर्ण चेतावनी की peer pressure, social influence में आकर smoking, alcohol consumption जैसी आदतों की नही शुरू करनी चाहिए,teenagers को ये समझना होगा कि ये सिर्फ morality का issue नही है क्योंकि जिस तरह teenage में शरीर को मिला पोषण आने वाले adulthood में भी साथ रहता है वैसे ही गलत आहार से हुआ नुक्सान भी साथ रहता है।
इसी तरह सेहत से जुड़े अपने किसी भी सवाल के लिए आप कॉल कर team nutrishilp से सम्पर्क कर सकते हैं, डायल करें 7581921000 या विजिट करें [email protected].