Blue Zone की Green Diet


Blue Zone की Green Diet

 

ये सवाल कभी सोचा है कि humans की Average life expectancy क्या है? आहार और उम्र में कोई सम्बन्ध है क्या? लम्बा और स्वस्थ जीवन यानी longevity कैसे मिलेगी?

रिसर्चर डैन ब्यूटनर (Dan Buettner) ने इस विषय पर बड़ी interesting research की और पूरी दुनिया में पांच ऐसी जगह चिन्हित करी जहां नागरिकों के लिए 100-110 साल जीना आम बात है। और इन क्षेत्रों को नाम दिया blue zone, आज   famous dietitian , nutritionist और Nurtishilp की founder Shilpi Goel के साथ समझते हैं कि blue zone diet क्या है, क्या खाते हैं इन क्षेत्रों में लोग!

शिल्पी जी बड़े सरल तरीके से बताती हैं कि 

इन तमाम शोध में ये साफ निकल कर आया कि plant based diet, निरोगी रहने और लम्बी उम्र में contribute करती है। इन क्षेत्रों को

Blue zone इसलिए कहा गया क्योंकि 

जब रिसर्चर इन इलाक़ों पर शोध कर रहे थे, तो उन्होंने मैप पर इन क्षेत्रों को ब्लू पेन से चिन्हित किया था।

plant based के साथ ही और क्या components हैं blue zone diet में, आइये समझते हैं-

  1. Plant-Based Diet:

Blue Zone diet में plant-based foods, fruits, vegetables, whole grains, legumes, and nuts शामिल होते हैं निश्चित ही ये diet vitamins, minerals, fiber, and antioxidants, में rich होती है.

 

  1. कम से कम Animal Products: 

इन क्षेत्रों में रहने वाले strictly vegetarian नही होते हैं पर Blue Zone diet में meat and dairy products का consumption कम होता है।

 

  1. Whole Foods: 

इन क्षेत्रों में लोग unprocessed food कम खाते हैं, nutrient dense, balanced diet पर ज़्यादा focus करते हैं।

 

  1. Moderation in Caloric Intake: Blue Zone में लोग mindful eating की ओर ध्यान देते हैं। आम तौर पर अपनी भूख को 80% ही शांत करते हैं, वो overeating avoid करते हैं, जिससे weight management ठीक रहता है।

 

  1. Plant-Based Fats: वो fat भी consume करते हैं पर olive oil और avocados जैसे plant based fats जिनसे cardiovascular diseases की संभावना कम हो जाती है। 

 

Blue Zone Diet काफी कुछ Mediterranean diet, जैसी लग सकती है पर mediterranean diet एक geographical eating habits पर दिया गया nomenclature – भू मध्य में रहने वाले लोगों का आहार, जबकि blue zone diet geography से ज़्यादा mindful eating से जुड़ा है। इसमें इटली का सारडीनिया, अमेरिका के कैलिफोर्निया का लोमा लिंडा, ग्रीस का इकेरिया, जापान का ओकिनावा और कोस्टा रिका का निकोया

तक के क्षेत्र आते हैं।

geography से ज़्यादा लम्बी उम्र का राज़ आहार में छिपा है, आप जहां भी रहते हों, अपने आहार पर ध्यान दीजिए, mindful eating बहुत ज़रूरी है।

शिल्पी गोयल इस बात पर ज़ोर देती हैं कि भारतीय महिलाओं के लिए इस तरह की diet बहुत ही स्वास्थवर्धक होती है क्योंकि ये hormonal balance, bone health, and chronic diseases की सम्भावना को  कम करने में सहायक होती है , अगर विस्तृत तौर पर समझा जाए तो –

  1. Hormonal Balance: whole grains, vegetables, और fruits से भरपूर आहार blood sugar levels को regulate करता है,और insulin sensitivity को बढ़ाता है जो कि hormones को balance करता है और  polycystic ovary syndrome (PCOS)   स्थितियों में, जहां insulin resistance आम है उन्हें manage करने में सहायता करता है।

 

  1. Inflammation में कमी : Olive Oil, Seeds से मिलने वाला omega-3 fatty inflammation को करने में सहायक होता है।
  2. Bone Health: महिलाओं में हड्डियों के दर्द, joint pain होने का खतरा उम्र के साथ बढ़ता जाता है, पर Blue Zone diet में मौजूद calcium ,vitamin D, और micronutrients nutrients bone health के लिए अच्छे होते हैं।

 

  1. Disease Risk कम: Blue Zone में रहने वालो में heart disease, diabetes,  कुछ प्रकार के cancers cases बहुत कम पाए गए हैं, जिसकी वजह lifestyle के साथ plant-based foods, lean proteins, और कम से कम processed foods के सेवन भी है।

 

ब्लू जोन में रहने वाले सभी लोगों की डाइट एक जैसी नहीं होती। इसलिए शब्द में नही उलझना है, Costa Rica में रहने वाले किसी शख़्स के लिए Japan में रहने वाले किसी शख़्स जैसा भोजन करना असामान्य बात होगी। हालांकि mindful eating common factor है, तो आहार तो वही ले जो  आपकी जलवायु में naturally पाया जाता हो और जो भी artificial हो या chemically process किया गया हो उसे खाने से परहेज़ करें । वैसे अगर याद करें तो पहले गावँ में कई ऐसी दादी नानी रही होंगी जो शत आयु हुई और उन्होंने जीवन भर संतुलित आहार लिया था, हर देश में कुछ लोग हैं, जो पहले से ब्लू जोन डाइट का पालन कर रहे। वे ऐसा भोजन कर रहे हैं, जो पौधों पर आधारित होता है।

तो याद रखें कि पारंपरिक भारतीय सात्विक आहार भारतीय परिवेश में longevity बढ़ाने में काफी सहायक हो सकता है।

इसी तरह सेहत से जुड़े अपने किसी भी सवाल के लिए आप कॉल कर team nutrishilp से सम्पर्क कर सकते हैं, डायल करें 7581921000 या विजिट करें [email protected]